प्रशंसा को वीरता के कार्यों, की सुगंध ही समझिए | Socrates
बड़े कार्यो की सफलता के लिए छोटे, कार्यों को आरंभ में करना चाहिए, इसलिए प्रातः जल्दी अपने बिस्तर को, त्याग देना चाहिए।
दोषहीन कार्यों का , होना दुर्लभ होता है। Chanakya
कुछ भी इतना कठिन नहीं है , यदि आप उसे छोटे-छोटे कार्यों में विभाजित कर लें | Henry Ford